कहानी जैन व्यापारी की

जैन व्यापारी  दिल्ली की बैँक मेँ
गया,
और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा.
बैँक मेनेजर ने गेरेँटर मांगा.
जैन  साहब ने अपनी BMW कार 🚔 जो बैँक के सामने
पार्क की हुई
थी उसको गेरेँटी के तरीके
से जमा करवा दी.
मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए,
और लोन देकर गाडी को कस्टडी मेँ
खडी करने के लिए
कर्मचारी को सुचना दी जैन साहब 50,000 रुपये लेकर चले गये.
बैँक मेनेजर और कर्मचारी जैन साहब पर हँसने
लगे और बात करने लगे कि यह करोडपति होते हुए
भी अपनी गाडी सिर्फ
50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया.
कितना बेवकुफ आदमी है.😗😗
उसके बाद 2 महीने बाद जैन साहब वापस बैँक मे
गये और लोन की सभी रकम देकर
अपनी गाडी वापस लेने
की इच्छा दर्शायी.
बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला : 50,000 मूल
रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज.
जैन साहब ने पुरे पैसे दे दिए।
बैँक मेनेजर से रहा नही गया और उसने पुछा ।
कि आप इतने करोडपति होते भी आपको 50,000
रुपयो कि जरुरत कैसे पडी.?
जैन साहब ने  जवाब दिया ।
मैँ अलीगढ़ से आया था.
मैँ अमेरिका जा रहा था.
दिल्ली से मेरी फ्लाइट थी।
दिल्ली मेँ मेरी गाडी कहा पार्क
करनी है यह मेरी सबसे
बडी प्रोबलम थी.
लेकिन इस प्रोबलम को आपने हल कर दिया.
मेरी गाडी 🚔 भी सेफ
कस्टडी मेँ दो महीने तक संभाल के रखा और 50,000 रुपये खर्च करने के लिए भी दिए दोनो काम करने का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद.!
इसलिए कहते the Great जैन
आदते बुरी नही हमारी
बस थोडे शौक उँचे है |
वर्ना किसी ख्वाब
की इतनी औकात नही,
की हम देखे और वो पूरा ना हो...
हम बादशाहो के बादशाह है, इसलीए
गुलामो जैसी हरकते नही,
नोटो पर फोटो हमारा भी हो सकता, पर
लोगो की जेब मे
रहना हमारी फितरत नही
5 मिनट मे शेयर करे ! अगर आप जैन है तो....

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